भोजपुर: पीरो प्रखंड अंतर्गत जितौरा जंगल महाल पंचायत की मुखिया कुमारी अर्पणा सिन्हा ने समेकित बाल विकास परियोजना की महिला पर्यवेक्षिका गीता कुमारी पर रिश्वतखोरी, मनमानी, तानाशाही व जन प्रतिनिधि के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए समाज कल्याण मंत्री, विभागीय प्रधान सचिव, जिलाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारियों से पत्राचार कर आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है. प्रेषित पत्र में श्रीमती सिन्हा ने कहा है कि महिला पर्यवेक्षिका द्वारा आंगनबाडी केंद्रों की जांच के क्रम में संबंधित सेविकाओं को चयन मुक्त कराने का भय दिखाकर उनसे अवैध वसूली की जा रही है. इसी तरह महिला पर्यवेक्षिका द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए कहा जाता है कि आंगनबाडी केंद्रों पर लाभुक योजनाओं की निगरानी का अधिकार पंचायत प्रतिनिधि को नहीं है जो पंचायत प्रतिनिधियों का अपमान है. मुखिया ने पत्र में कहा है कि महिला पर्यवेक्षिका की जा रही अवैध वसूली व मनमानी के कारण सरकार प्रायोजित कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ कुपोषित बच्चों व महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में महिला पर्यवेक्षिका के कारनामों की जांच आवश्यक है. इधर महिला पर्यवेक्षिका का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा काॅल रिसिव करना मुनासिब नही समझा गया जिसकारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका.(भोजपुर: मुखिया ने महिला)

चारा घोटाले में बड़ा कदम: बिहार सरकार करेगी 950 करोड़ की रिकवरी
बिहार के चर्चित चारा घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। राज्य सरकार अब इस मामले में 950 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोर्ट जाने की