बिहार में उद्योग लगाने के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित करने और उन्हें हर सुविधा और सहयोग मुहैया कराने में राज्य की सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन, बैंकिंग सेक्टर का रवैया बिहार के प्रति बेहद अफसोसनाक और असहयोगपूर्ण है क्योंकि बिहार में उद्योग लगाने वालों को कर्ज देने में बैंकों की ओर बड़े पैमाने पर आनाकानी की जा रही है। यह कहना है बिहार के उद्योगमंत्री समीर कुमार महासेठ का। उन्होंने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस मामले का संज्ञान लिया जाए और बैंकों को निर्देशित किया जाए कि बिहार में स्टार्टअप के लिए लोन की सुविधा उपलब्ध कराने के नियमों को लचीला बनाएं ताकि तरक्की की दौर में पीछे छूट रहे बिहार को भी विकास की रेस में आगे आने का मौका मिल सके। साथ ही उन्होंने बिहार में बैंकों का मुख्यालय स्थापित किए जाने की मांग भी की है ताकि बिहार में उद्योंगों को नकदी की परेशानी से निजात मिल सके और बैंक के सहयोग से विकास की पृष्ठभूमि तैयार हो सके।
राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में पार्टनर स्टेट के रूप में भागीदारी कर रहे बिहार द्वारा रविवार को बिहार दिवस मनाए जाने के दौरान राज्य के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर बिहार दिवस समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर अपने संबोधन मंें महासेठ ने कहा कि राज्य सरकार का युवाओं के लिए रोजगार सृजन और उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान है। उन्होंने बताया कि बिहार में निवेश की अपार संभावनाएं हैं और 10 फीसदी जीडीपी ग्रोथ के साथ बिहार सबसे तेजी से विकसित हो रहे राज्यों में से एक है। उन्होंने बताया कि बिहार में औद्योगिक क्षेत्रों में लीज की दर को 20 से 80 फीसदी तक कम कर दिया गया है और पूंजी निवेश पर अनुदान से लेकर सस्ती बिजली भी मुहैया कराई जा रही है। साथ ही यहां स्किल्ड और नॉन-स्किल्ड श्रम शक्ति की भी बहुतायत है। उन्होंने उद्यमियों से अपील की है कि वे सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान ना देकर धरातल पर बिहार का आकलन करें और वहां निवेश के लिए आगे आएं।