समस्तीपुर/पूसा:-प्राकृतिक खेती को लेकर जागरूकता किसान मेला का आयोजन आगा खान ग्रामीण समर्थन कार्यक्रम एवं डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के सम्मिलित कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के प्रांगण में आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ अम्वरीश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया कार्यक्रम में उद्घोषक एवं संचालन के रूप में डॉ आर के तिवारी ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान डॉ पी पी श्रीवास्तव, डॉ एम एस कुंडू, जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार, डॉ बसंत कुमार डॉ पी पी सिंह, डॉ दयाराम, डॉ अभिलिप्सा एवं आगा खान के अधिकारी गण उपस्थित थे। डॉक्टर बसंत कुमार ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए सलाह दी एवं किसानों से कहा कि वह खेती में ज्यादा रासायनिक खादों का प्रयोग ना करें रासायनिक खादों के प्रयोग करने से मनुष्य के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है आगे बढ़ाते हुए डॉ पी पी श्रीवास्तव ने किसानों को संबोधित होते हुए कहा कि वैज्ञानिक पद्धति से प्राकृतिक खेती करें। डॉ एम एस कुंडू ने किसान मेला में आए हुए महिला किसानों की संख्या को देखकर ज्यादा प्रभावित हुए उन्होंने कहां की मुझे बहुत खुशी हो रही है कि आज किसी क्षेत्र में भी महिला अग्नि भूमिका निभा रही है आज किसान मेला में लगभग 2000 महिलाओं की उपस्थिति का आंकलन किया गया। इतने ज्यादा मात्रा में महिला किसान की उपस्थितियों को देखते हुए डॉ एम एस कुंडू ने महिलाओं में जागरूकता को देखते हुए उन्हें बधाई दी। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने किसानों को कृषि संबंधित अनेक तरह के योजनाओं से अवगत कराया उन्होंने किसानों को संबोधित होते हुए कहा कि किसान किसी भी समूह में जाकर पोर्टल के माध्यम से सरकार द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि के मामलों में बिहार मैं पांच जिला प्रथम स्थान पर है जिसमें एक समस्तीपुर भी अंकित है डॉ शंकर झा ने प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को समझाते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती पंचभूत पर आधारित है। उन्होंने आगे कहा कि आकाश, पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, पांच तत्वों पर आधारित प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को अवगत कराया उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की बृहत जानकारी चाहिए तो वह हमारे पास निसंकोच आ सकते हैं। उन्होंने महिला के हौसला को अफजाई करते हुए कहा कि उत्तराखंड में महिला की खेती के प्रति ज्यादा भागीदारी है लेकिन उन्होंने उत्साह जताते हुए कहा कि आज बिहार के समस्तीपुर में मुझे मातृशक्ति देखने को मिल रही है उन्होंने आगे कहा कि सिक्किम में प्राकृतिक खेती ज्यादा है उन्होंने महिला को खेती में जागरूक देख धन्यवाद दिया। उन्होंने प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि की रासायनिक दवा के छिड़काव के कारण पंजाब एवं हरियाणा में कैंसर की संख्या ज्यादा पाई गई है इसलिए हर किसान को प्राकृतिक खेती वैज्ञानिक ढंग से करने की आवश्यकता है
मेले में कई स्टॉल लगे हुए थे जिसमें मशरूम से बनाए गए विभिन्न उत्पादों को लेकर एक स्टॉल रीता कुमारी एवं विश्वविद्यालय के साथ मिलकर लगाया गया जो किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा रीता कुमारी ने कहा कि वह 2016 से मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं एवं उसे विभिन्न प्रकार की सामग्रियां तैयार कर रही है। जिसमें बटर मशरूम, रोस्टर मशरूम मिल्की मशरूम मशरूम का अचार मशरूम समोसा मशरूम भुजिया मशरूम नमकीन मस्कुलर बिस्किट मशरूम पाउडर मशीन मदारी ड्राई मशरूम एवं स्पौन के माध्यम से आज अच्छी आमदनी कर रही है। स्टॉल पर उपस्थित डॉ दयाराम, डॉ मुकेश कुमार, सुभाष कुमार एवं रीता कुमारी उपस्थित थे। मौके पर उपस्थित श्रीमी कुमारी आगा खान के समस्त ओफिस स्टांप डॉ राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर उपस्थित थे l