औरंगाबाद:- वर्ष 1973 के 23 जनवरी को औरंगाबाद गया से अलग होकर जिला बना और इन 50 वर्षों में जिले ने कई उतार चढ़ाव देखें। जिले ने राजनीतिक, प्रशासनिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक गतिविधि के साथ साथ कई अन्य क्षेत्रों में विकास के कई मिथक को तोड़ा और नित नई नई उपलब्धियां हासिल की।आज हमारा जिला अपने स्थापना का स्वर्ण जयंती मना रहा है। जिले का हरेक नागरिक विषादों से निकलकर अपने स्वर्णिम अतीत पर गौरवान्वित हो रहा है। इसके अतिरिक्त जिले को साहित्य एवं लेखन के क्षेत्र में गौरव हासिल कराने का श्रेय एक युवा ने दिया है और वह युवा है कुटुंबा प्रखंड के चनकप गांव निवासी पेशे से शिक्षक 40 वर्षीय राकेश कुमार। राकेश के द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन पर लिखित ‘ लोकराज के लोकनायक ‘ पुस्तक आज बिहार ही नहीं देश में धूम मचा रही है। राकेश के लिखित इस पुस्तक को देश में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव की श्रृंखला के अंतर्गत एनबीटी ने प्रकाशित किया है और आज यह पुस्तक लोकनायक की जीवनी पर लिखे अन्य कई पुस्तकों से अलग हटकर कई जानकारी नई पीढ़ी एवं प्रबुद्ध पाठकों को उपलब्ध करा रही है। यह पुस्तक बिहार ही नहीं बल्कि बल्कि देश के अगले पंक्ति में शुमार राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक लोगों के बीच चर्चित हो चुकी है और सबों ने इस पुस्तक की सराहना कर रहे है। पुस्तक की सराहना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी की है और लेखक को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
जिले में हर्षोल्लास के साथ लहराया तिरंगा लोगों ने मनाया राष्ट्रीय पर्व
गौरतलब है कि साहित्य तक चैनल (आजतक न्यूज चैनल की ईकाई) द्वारा वर्ष 2022 में प्रकाशित देश की सर्वश्रेष्ठ 10 जीवनियों में पुस्तक लोकराज के लोकनायक को शामिल किया गया है। दिल्ली मेट्रो के तकरीबन सारे स्टेेशन पर इस पुस्तक को प्रदर्श के रूप में लगाया गया। इस औरंगाबाद के लेखक की लेखनी देश की राजधानी में भी कामयाबी का पताका फहरा रहा है। लेखक ने मीडिया दर्शन को बताया कि जयप्रकाश नारायण को वे राजनीति का संत मानते हैं, क्योंकि सामर्थ्य के बावजूद राजनीति में पदलोलुपत्ता से दूरी उन्हें भारतीय राजनीति में संत का दर्जा प्रदान करता है। वर्तमान में राज्य की राजनीतिक स्थिति जेपी को और भी प्रासंगिक बना देता है। लेखक की उपलब्धि को देखते हुए राष्ट्रीय अशोक मंच ने एक समारोह आयोजित कर उन्हे सम्मानित करने का निर्णय लिया हैं। इस संबंध में मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित कुशवाहा ने बताया कि आज जहां नई पीढ़ी राजनीतिक पुरोधाओं को विस्मृत करती जा रही है वही युवा लेखक राकेश द्वारा लिखित यह पुस्तक नई पीढ़ी के अंदर रचनाधर्मिता को बढ़ावा देगी और उन्हे देश की हर परिस्थिति को समझने और कई तरह के रचनात्मक कार्य के लिए प्रेरित करेगी।उन्होंने कहा कि जिले के स्वर्ण जयंती समारोह में ऐसे युवाओं को सम्मानित करना गर्व की बात होगी। वहीं, जिले के साहित्यकारों एवं नवोदित लेखकों ने भी जिला प्रशासन से यह मांग की है कि जिस युवा लेखक राकेश की पुस्तक आज साहित्यिक फलक पर धूम मचा रही है। उन्हे तीन दिवसीय सूर्य महोत्सव के कार्यक्रम के दौरान सम्मानित करे। जिससे युवाओं में सृजनशीलता को बढ़ावा मिल सके।