बिहार में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सहमति बन चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला बाद में किया जाएगा। कांग्रेस ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए ज्यादा सीटों की मांग करने और केवल उन्हीं सीटों पर लड़ने की योजना बनाई है, जहां उसकी जीत की संभावना अधिक हो।
कांग्रेस की इस नई रणनीति का मकसद राज्य में अपने जनाधार को मजबूत करना और गठबंधन में अपनी स्थिति को अधिक प्रभावी बनाना है। पार्टी नेताओं का मानना है कि वे सिर्फ संख्या बढ़ाने के बजाय ऐसी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जहां उनकी जीत सुनिश्चित हो। इस कारण राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर गहन मंथन चल रहा है।
वहीं, मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हुआ है। राजद का मानना है कि यह फैसला चुनावी नतीजों के बाद लिया जाएगा, जबकि कांग्रेस भी अपनी संभावनाओं को खुला रखना चाहती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह गठबंधन बिहार की राजनीति में एक बड़ा प्रभाव डाल सकता है और आने वाले दिनों में इसकी सटीक रूपरेखा सामने आएगी।