बेगूसराय :चेरियाबरियारपुर प्रखंड में फर्जी शिक्षकों के ऊपर कारवाई करने का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में चेरियाबरियारपुर प्रखंड क्षेत्र के पंचायत समिति सदस्य सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेरिया बरियारपुर प्रखंड संसाधन केंद्र पर दिनांक 19.01.2023 को एक दिवसीय धरना देने को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखा है जिसकी प्रतिलिपि अनुमंडल अधिकारी मंझौल एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी चेरियाबरियारपुर को दी गई है। उक्त पत्र में उपप्रमुख अरविंद कुमार सिंह,पंचायत समिति सदस्य मनोज भारती, रामजतन साह, साबिर आलम, अर्जुन चौधरी सहित अन्य लोगों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आशीष कुमार गुप्ता पर फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों का संरक्षण देते हुए विभागीय आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है। आवेदक के द्वारा पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पत्रांक 70 दिनांक 20.02.2019 को तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नसीम अहमद के द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों के विरुद्ध निर्देशित कार्यवाही की अनदेखी की गई। वहीं चेरियाबरियारपुर पंचायत समिति सदस्यों की बैठक में प्रस्ताव लिया गया था कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी 15 दिन के अंदर जांच कर अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराएंगे लेकिन इस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताते चलें कि इससे पूर्व में प्रखंड क्षेत्र में फर्जी शिक्षकों का मामला लगातार उठता रहा है। बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता राममणि कुमार के द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आवेदन देकर प्रखंड क्षेत्र में फर्जी सीटेट प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल शिक्षकों पर उचित कार्यवाही की मांग की गई थी। जिस पर बीते दिनों क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक मुंगेर ने भी जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा था। बताते चलें कि राममणि कुमार के द्वारा दिए गए आवेदन में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया गया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि सीटेट परीक्षा में वही व्यक्ति शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा पास कर लिया हो या शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स के अंतिम वर्ष में हो लेकिन इन लोगों के द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के आंख में में धूल झोंकते हुए सीटीईटी परीक्षा में उत्त्तीर्णता हासिल कर ली एवं भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरी भी प्राप्त कर ली। सबसे बड़ी बात यह है कि इन फर्जी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं उन्हें अपने कुकृत्य को छुपाने के लिए वर्ष 2017―19 में एनआईओएस द्वारा संचालित प्रशिक्षण में भाग लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। जबकि इनके नियोजन पत्र एवं सेवा पुस्तिका में अप्रशिक्षित लिखा हुआ है।