बरौनी रिफाइनरी के इंडजेट यूनिट से बरौनी मार्केटिंग टर्मिनल तक एटीएफ (जेट ए-1) फ्यूल के पहले बैच के डिस्पैच का ऑनलाइन शुभारंभ एसएम वैद्य, अध्यक्ष, इंडियनऑयल ने डॉ एसएसवी रामकुमार, निदेशक (आर एंड डी), रंजन कुमार महापात्र, निदेशक (मानव संसाधन); वी सतीश कुमार, निदेशक (विपणन); शुक्ला मिस्त्री, निदेशक (रिफाइनरीज) और विभिन्न स्थानों से शामिल इंडियन ऑयल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की ऑनलाइन उपस्थिति में किया गया। अब बरौनी रिफ़ाइनरी से उत्पादित एटीएफ पटना, दरभंगा, गया और नेपाल के हवाई अड्डों को ईंधन प्रदान करेगा देगा। इस अवसर पर टीम बरौनी रिफ़ाइनरी की सराहना करते हुए, श्री वैद्य ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक अवसर है। मुझे खुशी है कि इंडियन ऑयल की बरौनी रिफ़ाइनरी बिहार और नेपाल को हवाई ईंधन की ज़रूरत को पूरा करेगी।’
दरअसल इंडजेट यूनिट इंडियन ऑयल द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक पर आधारित है जो मेक इन इंडिया पहल के साथ प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक सार्थक कदम है। इसकी जानकारी देते हुए बरौनी रिफाइनरी के कॉरपारेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने बताया कि, ‘इंडियन ऑयल देश के हरित भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम अपने विभिन्न हरित उत्पादों के माध्यम से राष्ट्र की ईंधन जरूरतों को निरंतर पूरा करने में समर्पित है। आइए हम इंडियन ऑयल के पूरे इको-सिस्टम को पूरी दक्षता के साथ एकाग्र करें। हमारे लिए पहले इंडियन, फिर ऑयल है।’
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बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक आरके झा ने टीम बरौनी रिफ़ाइनरी, बरौनी मार्केटिंग टर्मिनल, बरौनी कानपुर पाइपलाइन, बीटीएमयू और आईओओए की उपस्थिति में बरौनी रिफ़ाइनरी के एटीएफ टैंक 241 के वाल्व को खोल कर बरौनी रिफाइनरी से पाइपलाइन के माध्यम से एटीएफ को बरौनी मार्केटिंग टर्मिनल डिस्पैच किया। एटीएफ का उत्पादन बरौनी रिफ़ाइनरी के नये इंडजेट यूनिट से किया गया। यह यूनिट स्वदेशी तकनीक इंजैट पर आधारित है, जिसका अनुसंधान इंडियन ऑयल, आरएंडडी सेंटर और मेसर्स इआइएल ने मिल कर किया है। यह तकनीक कम तापमान और निम्न दबाव हाइड्रो-उपचार प्रक्रिया है, जो चुनिंदा रूप से केरो फीड स्ट्रीम से मर्कैप्टन को हटाती है.। इस्तेमाल किया जाने वाला उत्प्रेरक इंडियनऑयल, आरएंडडी द्वारा विकसित मालिकाना उत्प्रेरक है। एटीएफ़ के अलावा, इंडजेट यूनिट को पाइपलाइन कम्पेटिबल केरोसिन के उत्पादन के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। इंडजेट यूनिट को जून 2022 में कमीशन किया गया था। उसके पश्चात एटीएफ़ का सर्टिफिकेशन सितंबर 2022 में मिला। डिफेंस ग्रेड के एटीएफ की आपूर्ति करने के लिए, सीइएमआईएलएसी (सैन्य उड़ान योग्यता और प्रमाणन केंद्र) और डीजीएक्यूए (वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय) की वैधानिक स्वीकृति अक्टूबर 2022 और नवंबर 2022 में प्राप्त हुई।