कृषि विज्ञान केन्द्र सिरिस में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं दूर्दशन केन्द्र पटना के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को जलवायु अनुकूल कृषि क्रॉप सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रसार शिक्षा बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निर्देशक डॉ० आर के सोहने, दूरदर्शन केन्द्र पटना के निर्देशक डॉ राजकुमार नाहर, जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र सिरिस के वरीय वैज्ञानिक डॉ० नित्यानंद ने संयुक्त रूप से किया। डॉ० नित्यानंद ने सर्वप्रथम केंद्र में आये सभी अतिथि एवं किसानो का स्वागत किया एवं उपस्थित किसानों से जलवायु परिवर्तन होने से खेती के दौरान आने वाली समस्याओं व उसके निदान के बारे में जानकारी दी। डॉ० आर के सोहने ने कहा की क्रॉप सेमिनार बहुत ही सही समय पर हो रहा है जिससे किसान लाभान्वित होंगे। किसान मिट्टी जांच कराने के बाद अनुशंषित मात्रा में पोषक तत्व का प्रयोग करे एवं रासायनिक उर्वरको को कम से कम प्रयोग करते हुए अधिक मात्रा में जैविक खाद, वर्मी कम्पोष्ट, सड़े गोबर का प्रयोग करके अच्छे गुणवत्ता वाले अनाज एवं सब्जयों का उत्पादन करें जिससे कि मिटटी की उर्वरता शक्ति में भी बढ़ोत्तरी हो व मिट्टी की उत्पादन क्षमता बनी रहे।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की बिहार कृषि विश्वविद्यालय एवं इसके अधीनस्त कृषि विज्ञान केन्द्र में युवाओ के लिए वर्मी कम्पोष्ट, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन, मशरूम उत्पादन आदि विषयो पर जीविकोपार्जन हेतु प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है जिससे प्रशिक्षित होकर युवा स्वरोजगार स्थापित कर रहे है। डॉ० राजकुमार नाहर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र सिरिस के द्वारा औरंगाबाद जिला के किसानो के हित में बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है एवं बिहार ही नहीं बल्कि देश में इसके द्वारा किये जा रहे कार्य की सराहना कि जा रही है।
इस दौरान रणवीर सिंह ने सरकार द्वारा संचालित योजनाओ के बारे में जानकारी दी। तकनिकी सत्र में औरंगाबाद, गया, भोजपुर, अरवल एवं रोहतास जिला के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ० नित्यानंद, डॉ० राजीव सिंह, डॉ० पि के द्विवेदी, डॉ० सुरेन्द्र चौरसिया, डॉ० आर के जलज एवं कृषि विज्ञान केन्द्र सिरिस के वैज्ञानिक पंकज कुमार सिन्हा, इंजिनियर रवि रंजन कुमार, डॉ० सुनीता कुमारी, डॉ० संगीता मेहता एवं डॉ० अनूप कुमार चौबे ने किसानो के द्वारा खेती एवं पशुपालन में आने वाली समस्याओ को रखा जिसका वैज्ञानिको ने उचित समाधान बताया। कार्यक्रम के अंत में दूरदर्शन केन्द्र पटना के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 533 किसानो ने भाग लिया। इस मौके पर केन्द्र के सभी कर्मचारी एवं काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।