जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद अतिपिछड़ी जातियों की स्थिति राजनीतिक शून्यता की ओर जा चुका है जिससे अतिपिछड़ी जाति के लोगों को नुकसान हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई के लिए नोनिया, बिंद, बेलदार, तांती, ततवा, पटवा, चंद्रवंशी, प्रजापति, अंसारी सहित अन्य 94 जातियां जो कर्पूरी ठाकुर जी के जमाने से अतिपिछड़ी जाति में शामिल थे
उस समय 34 जातियां पिछड़ा वर्ग में थी इन 34 जातियों से कुछ जातियों को उठाकर अतिपिछड़ी जाति में शामिल करने की कारवाई की गयी है जिसका नतीजा है कि सरकारी अधिकारियों के पद पर पूर्ववर्ती अतिपिछड़ी जाति के लोगों को मात्र 20 फीसदी हीं सफलता मिल पा रही है। 80 फीसदी सीटों पर अतिपिछड़ी में हाल के वर्षों में शामिल जातियों के लोग कब्जा कर ले रहे हैं उक्त बातें स्थानीय मंगलम होटल परिसर में आयोजित मगध सम्राट महाराज जरसंध नमस्ते जयंति समारोह के सम्बोधन अति पिछड़ा आयोग के पूर्व सदस्य प्रमोद चंद्रवंशी ने कही। श्री चंद्रवंशी ने कहा कि चंद्रवंशी समाज का अतीत सुनहरा होने के बावजूद वर्तमान खराब क्यों है? यह विचारणीय है इसके लिए संगठित होकर अधिकार की लड़ाई लडने और राजनीतिक जागरूकता को बढाने की हुंकार भरी।
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इस कार्यक्रम को विधान परिषद प्रोफेसर रामबली चंद्रवंशी, विधान परिषद प्रमोद चंद्रवंशी पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रदेव बिंद, जदयू नोखा प्रखंड अध्यक्ष रूपेश चंद्रवंशी, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील चंद्रवंशी, बिंदा चंद्रवंशी, संतोंष चंद्रवंशी, जिला परिषद सदस्य कंचन कुमारी, बीडीसी रूपा कुमारी, मुखिया हरेन्द्र चंद्रवंशी, उमा चंद्रवंशी, विवेक चंद्रवंशी, अमित कुमार मंगल, कृष्णा चंद्रवंशी, राघवेन्द्र कुमार, डाॅ अरविंद कुमार चंद्रवंशी, मंच संचालन अभिजित कुमार लिली और अध्यक्षता सन्नी देओल चंद्रवंशी ने किया।