समस्तीपुर| टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ समस्तीपुर द्वारा बीपीएससी द्वारा जारी प्रधान शिक्षक परीक्षा के विज्ञापन को चीनी मिल चौराहा पर जलाकर विरोध दर्ज किया गया। संगठन के जिलाध्यक्ष गणेश कुमार और जिलामहासचिव संजीत भारती ने कहा कि आखिर क्यों टीईटी शिक्षकों के साथ लगातार सौतेलापन होता रहता है। पहले तो समय से प्रशिक्षण नहीं दिया गया जब प्रशिक्षण पुर्ण हुआ तो इन्डेक्स में घोटाला कर वेतन विसंगति को जन्म दिया गया और आज तक हम इसको लेकर संघर्ष कर ही रहे थे कि प्रधान शिक्षक बहाली को लेकर बीपीएससी द्वारा विज्ञापन जारी कर दिया गया, फिर इस विज्ञापन में भी परीक्षा में बैठने को लेकर ऐसी शर्तें रख दी गईं जिससे की टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को परीक्षा में बैठने से पूर्व ही अयोग्य घोषित कर दिया गया। विज्ञप्ति में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि आठ वर्ष का निरंतर सेवा अनिवार्य है जिसकी गिनती प्रशिक्षण पुर्ण करने की तिथि से किया जाएगा। जबकि अधिकतम टीईटी शिक्षक को आठ वर्ष सेवा में आए हुआ ही नहीं है और यदि हुआ भी है तो प्रशिक्षण तिथि से गणना करने पर आठ वर्ष नहीं पुरा होता है। जिला प्रवक्ता नवीन चंद्र और कोषाध्यक्ष शुभाष चंद्र ने कहा कि टीईटी शिक्षक योग्य शिक्षक हैं जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी माना है और अपने न्याय निर्णय पारा – 78 में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को बेहतर स्केल देने का सुझाव दिया है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के सुझाव के विपरित बेहतर देने की जगह टीईटी शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। संघ के कार्यालय सचिव श्यामबाबू ने मांग किया है कि सभी तरह के शिक्षक जो सरकारी विद्यालय में कार्यरत हैं उन्हें बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठने का समान अवसर प्रदान किया जाए। नवप्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर उनके इन्डेक्स में जो कटौती की गई है उसमें सुधार किया जाए। नवनियुक्त टीईटी शिक्षकों के सत्यापन कार्य को यथाशीघ्र निपटा कर उनका वेतन भुगतान का आदेश निर्गत किया जाए। इस मौके पर ताजपुर प्रखंड अध्यक्ष बालेश्वर पासवान, रजनीश भूषण , खानपुर प्रखंड अध्यक्ष रूदल कुमार, मनोज कुमार झा, रवि रौशन कुमार, चंद्रशेखर आज़ाद, श्यामबाबू सिंह, कर्पूरी शर्मा आदि दर्जनों शिक्षक उपस्थित रहें।

चारा घोटाले में बड़ा कदम: बिहार सरकार करेगी 950 करोड़ की रिकवरी
बिहार के चर्चित चारा घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। राज्य सरकार अब इस मामले में 950 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोर्ट जाने की