- पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम से बेहद खौफनाक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जिसमें बताया गया है कि वहां की एक पत्थर की खदान में काम करने वाले बिहार के एक दर्जन मजदूर जिंदा दब गए हैं। हालांकि युद्धस्तर पर की गई कार्रवाई और राहत व बचाव के लिए किए गए उपायों के बावजूद घंटों की मशक्कत के बाद खदान में जिंदा दबे तकरीबन एक दर्जन मजदूरों में से 8 श्रमिकों का शव बरामद कर लिया गया है और बाकियों की तलाश की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, मिजोरम में हनाठियाल जिले के मौदह में सोमवार को निजी कंपनी के कर्मचारी अपने लंच ब्रेक से अभी-अभी लौटे थे, जब पत्थर की खदान में धमाका हुआ और खदान धंस गई। पत्थर की खदान गिरने से एक दर्जन मजदूर फंस गए।
सूत्रों ने इस दुर्घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वहां मौजूद श्रमिक पांच हिताची उत्खनन मशीन और अन्य ड्रिलिंग मशीनों के साथ दब गए। बाद में राहत एवं बचाव कार्य शुरू हुआ लेकिन अंधेरा हो जाने की वजह से उसमें परेशानी आई। घटना के बाद बीएसएफ की रेस्क्यू टीम को फौरन रवाना किया गया और फर्स्ट रिस्पांस यूनिट के तौर पर मंगलवार सुबह मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची। बचाव अभियान के लिए लेइट गांव और हनहथियाल शहर के स्वयंसेवक भी जानकारी मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को भी खोज और बचाव कार्यों में सहायता के लिए बुलाया गया। कहा जा रहा है कि खदान ढाई साल से चालू है और यहां बड़ी संख्या में बिहार मूल के मजदूर काम करते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पत्थर की खदान में खनन के दौरान मलबा में दबने से गायब हुए बिहार मूल के 12 मजदूरों में 8 का शव बरामद हो गया है। मिजोरम में सोमवार को एक पत्थर की खदान ढहने से बिहार मूल के प्रवासी मजदूरों के फंसे होने के बाद मंगलवार को उनमें से 8 के शव बरामद किए गए। चार अन्य मजदूरों के अभी भी फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने अपने एक बयान में कहा है कि बरामद किए गए शवों को सीधे ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और शवों की पहचान पोस्टमार्टम के बाद की जाएगी। तलाशी अभियान अभी भी जारी है और सभी लापता की तलाश कर लिए जाने तक जारी रहेगा।