पटना डेस्क: देश में जल्द लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसकी तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी जुड़ चुकी है और अलग-अलग राजनीतिक समीकरण बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा इस बार बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी को कमजोर करने के लिए खास रणनीति बनाने में लगी हुई है, जिसका असर शायद अब धीरे-धीरे दिखाई भी देने वाला है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार की राजनीति जाति आधारित होती है। ऐसे में विभिन्न जातियों के वोटबैंक को साधने के लिए बीजेपी ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। बीजेपी ने चिराग पासवान के जरिए पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के जरिए कोइरी- कुशवाहा वोटों को सेट कर दिया है। अब वह राजपूत वोटों की सेटिंग में जुटी है। आरा से पूर्व सांसद मीना सिंह जेडीयू छोड़कर बीजेपी में जाना इसी रणनीति का हिस्सा है।
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वहीं, JDU से मीना सिंह ने शुक्रवार को इस्तीफा का ऐलान कर दिया। उन्होंने शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से मुलाकात की। इसके बाद जायसवाल ने उनके बीजेपी में आने की पुष्टि कर दी। मीना सिंह सहकारिता क्षेत्र के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अजीत सिंह की पत्नी हैं। वह राजपूत जाति से आती हैं। उन्होंने सीएम नीतीश द्वारा तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किए जाने की वजह से जेडीयू छोड़ी हैं।
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हालांकि, एक राजपूत नेत्री को अपने पाले में करके बीजेपी अपने वोटबैंक को मजबूत कर सकती है। उन्हें आरा या काराकाट से टिकट दिया जाता हैं। इस तरह 2024 के चुनाव में बीजेपी नीतीश-तेजस्वी की जोड़ी को नुकसान पहुंचा सकती है।