वीरपुर: सरकार व विभाग के फाइलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन चाहे कितना चकाचक हो ,लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है शुक्रवार को वीरपुर प्रखंड स्थित जगदर पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल में व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आई। पड़ताल में पता चला कि अधिकांश केंद्र पर बच्चों का पोषाहार नहीं बन रहा है। सेविका अपने घर से पोषाहार बनाकर केंद्र पर ला रही है। कहीं केंद्रों पर सेविका के बदले सहायिका बच्चों को पढ़ा रही है। तो कहीं सेविका के रिश्तेदार बच्चों को पढ़ा रहे हैं ।अधिकांश केंद्रों पर ड्रेस कोड की जमकर धज्जियां उड़ायी जा रही है। विभागीय आदेश की अवहेलना कर अधिकांश केंद्रों को सेविका अपने घर पर चला रही है। केंद्र संख्या 65 पर 11:20 बजे पर 40 नामांकित बच्चों में से 18 बच्चे मौजूद थे। सहायिका बच्चों से प्रार्थना करवा रही थी। वे ड्रेस में नहीं थे। अधिकांश बच्चे भी ड्रेस में नहीं थे। सेविका के बारे में जानकारी मिली कि वे घर पर बच्चों के लिए खाना बनाने गई हैं। केंद्र पर पोषाहार नहीं बन रहा था। 11:30 बजे केंद्र संख्या 101: केंद्र पर कुल 7 बच्चें थे। सहायिका पोषाहार बना रही थी। सेविका केंद्र पर नहीं थी। बाद में केंद्र पर पहुंची। पूछने पर सेविका ने बताया कि क्षेत्र से बच्चों को बुलाने गए थे। 11:38 बजे केंद्र संख्या 64 पर सहायिका बिना ड्रेस में थी। कुल उपस्थित 30 बच्चों में अधिकांश ड्रेस में थे। सेविका पूजा करने गई थी। बाद में केंद्र पर आई। केंद्र की बजाय सेविका के घर में पोषाहार बनाया जा था। 11:45 बजे केंद्र संख्या 63 पर कुल 28 बच्चे मौजूद थे। अधिकांश बच्चे ड्रेस में नहीं थे। सेविका भी ड्रेस में नहीं थी। सेविका बच्चों को पढ़ाने की बजाय चावल फटक रही थी। मीडिया को देख तुरंत ड्रेस पहनकर आ गई। सहायिका ड्रेस में नहीं थी। केंद्र घर पर चलाया जा रहा था। 11:52 बजे केंद्र संख्या 62
पर कुल 9 बच्चें थे। सेविका की पुत्री बच्चों को पढ़ा रही थी। सहायिका अनुपस्थित थे। केंद्र का संचालन सेविका अपने घर पर कर रही थी। केंद्र पर पोषाहार नहीं बन रहा था। कुछ देर बाद सेविका बिना ड्रेस केंद्र पर आई। पूछने पर बताया कि बच्चों को बुलाने गए थे। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि बच्चें केवल खाने के लिए आते हैं। 12:00 बजे केंद्र संख्या 99 पर
बच्चे केंद्र परिसर में खेल रहे थे। सेविका तुरंत बच्चों को अंदर करवाई। कुल 27 बच्चे थे। सेविका और सहायिका ड्रेस में नहीं थी। केंद्र पर पोषाहार नहीं बनाया जा रहा था। 12:07 बजे केंद्र संख्या 61
घर में केंद्र संचालित किया जा रहा था। सेविका और सहायिका दोनों ड्रेस में नहीं थी। मीडिया को देखते ही तुरंत ड्रेस पहनकर सामने आई। कुल 28 बच्चें केंद्र पर पढ़ रहे थे। बगल में गैस पर कुकर में चावल बन रहा था। 12:18 बजे केंद्र संख्या 60 पर सेविका कुल 22 बच्चों को पढ़ा रही थी। केंद्र का संचालन सेविका के घर में हो रहा था। सेविका ड्रेस में थी। सहायिका अनुपस्थित थी। 12:25 बजे केंद्र संख्या 59 पर
कुल 32 बच्चे अव्यवस्थित अवस्था में थे। पोषाहार केंद्र की बजाय सहायिका अपने घर में बना रही थी। केंद्र पर टीकाकरण का कार्य चल रहा था।