देश में यातायात व आवागमन के साधनों और संसाधनों का एकीकरण करके यात्रा को सहज, सरल और सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस गतिशक्ति योजना की संकल्पना की है उसके अनुरूप ही राज्यों की सरकारें भी इस दिशा में लगातार प्रयासरत और प्रयत्नशील हैं। बात करें बिहार की तो यहां की सरकार भी आम लोगों को सुखद व सहज यात्रा की सुविधा मुहैया कराने के लिए ना सिर्फ राज्य के भीतर परिवहन की स्थिति को लगातार सुधारने में जुटी हुई है बल्कि अंतर राज्यीय आवागमन को भी परेशानीहित बनाने का हर संभव उपाय कर रही है। इसी क्रम में बिहार और ओडिशा की सरकार ने अंतर राज्यीय यातायात सुविधाओं में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके तहत कुल 33 रूटों की पहचान की गई है जहां बसों का संचालन करने के लिए समझौता किया गया है।
ओडिशा और बिहार सरकार ने करीब 21,867 किलोमीटर के 33 रूटों पर झारखंड से गुजरने वाली सीधी बस सेवा संचालित करने के लिए अपने समझौते को नवीनीकृत किया है। पुराने समझौते के अनुसार, कुल 9,276 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले 15 मार्गों पर बसें चल रही थीं। अब, इसे और बढ़ा दिया गया है। नए और लंबे मार्गों पर सेवाएं दो राज्यों के बीच धार्मिक, पर्यटकों और शैक्षिक महत्व के स्थानों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी। इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए ओडिशा के राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) के सचिव ब्रजबंधु भोल ने कहा कि नए समझौते के साथ, पुरी, भुवनेश्वर, कटक, बारीपदा सहित ओडिशा के विभिन्न हिस्सों से पटना, बिहारशरीफ, देवघर, गया, औरंगाबाद, दरभंगा, राजगीर, भागलपुर, बक्सर, सीवान, आरा, हाजीपुर, छपरा, बालासोर, राउरकेला, संबलपुर, सुंदरगढ़ और नवादा के साथ अन्य स्थानों पर जाने वाले लोगों को हमेशा लाभ होगा। नए समझौते के अनुसार, ओडिशा की बसें बिहार में 17,611 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी जबकि बिहार की बसें ओडिशा में 8,784 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। उन्होंने कहा कि बसें झारखंड से होते हुए राज्य में 8,032 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। यह राज्य में सड़क परिवहन को सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भोल ने कहा कि बिहार और ओडिशा के परिवहन विभागों के बीच समझौते से सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। बिहार के साथ नया अंतर-राज्यीय समझौता नए अंतर-राज्यीय बस परमिट के लिए भी द्वार खोलेगा। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में करीब 100 परमिट और ट्रिप खोले जाएंगे।