औरंगाबाद : देश में एक तरफ गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की कवायद चल रही है, वहीं दूसरी तरफ गौशालाओं की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड स्थित गौ ज्ञान फाउंडेशन द्वारा संचालित गौशाला में आए दिन गोवंशों की लगातार हो रही मौत के मामले सामने आते रहते हैं। इसके बावजूद इस गौशाला की हालत में अब तक कोई सुधार नही है। एक सप्ताह पूर्व से ही आठ जानवर किचड़ में फंसकर मर गये लेकिन गौशाला कर्मियों द्वारा इसे अब तक हटाया तक नहीं गया। जिससे जानवरों के शव में कीड़े पड़ गए और सडे़ हुए मांस का दुर्गंध दूर दूर तक फैलने लगा। यहां तक कि बघोई, भिमलीचक, गंगापुर, पांडेय बिगहा, दिलावरपुर, तार बिगहा, शीतलधारी बिगहा, सरदवन बिगहा सहित दर्जनों गांवों से काॅलेज, बजार, बैंक, पूजा अर्चना करने आने वाले लोगों ने देवकुंड आना छोड़ दिया।
गौशाला के इर्द-गिर्द में रहने वाले ग्रामीण रामश्लोक सिंह, सागर शर्मा, महेंद्र साव, जनार्दन राम, सुशिला देवी, मनीष कुमार सहित अन्य लोगों ने बताया कि घर के चपाकल के पानी से भी दुर्गंध निकलता है जिसके कारण वे लोग बाहर से पानी लाकर पीते हैं। गौशाला में दर्जनों गोवंश अभी भी बीमार हैं। ग्रामीणों को सूचना मिली की पिछले दो दिनों में गौशाला के अंदर अठारह गोवंशों की मौत हो गयी है। दो दिन में इतनी अधिक संख्या में गोवंशों की मौत की खबर पाकर शुक्रवार की सुबह सैकड़ों ग्रामीणों ने गौशाला पहुंचकर विरोध प्रर्दशन करते हुए गौशाला संचालक व प्रबंधक पर जमकर नारेबाजी करते हुए देवकुंड से गौशाला हटाने की मांग की है। पूर्व मुखिया रामकृपाल विश्वकर्मा, रामकुमार पासवान, कृष्णनंदन यादव, आशुतोष मिश्रा, अक्षय पटेल, श्रीकांत चंद्रवंशी, अरुण यादव सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने गौशाला संचालक पर गौ रक्षा के नाम पर तस्करी करने का आरोप लगाते हुए विशेष जांच टीम द्वारा जांच पड़ताल कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक दिन पांच से सात जानवर मर जाते हैं। पांच वर्ष पूर्व में स्थापित गौशाला में अबतक तीन से चार हजार जानवर मर चुके हैं और सभी को बिना पोस्टमार्टम के फर्जी तरीके से जेसीबी से गढ्ढा़ खोदकर गोशाला में ही या आस पास में चुपके से दफना दिया जाता है। यहां तक कि पूर्व से ही पांच सात गढ़े बनाकर रखे रहते हैं। गौशाला कर्मी के कर्मचारी गोवंशों की मौत पर पर्दा डालने की कोशिश करते रहते हैं।
सूचना पर गोह अंचलाधिकारी मुकेश कुमार घटनास्थल पहुंचे, जहां आक्रोशितों को समझा बुझाकर उचित कारवाई करने के आश्वासन के बाद शांत कराया। तत्पश्चात दाउदनगर एसडीपीओ कुमार ऋषिराज ने गौशाला पहुंचकर जांच पड़ताल किया। जहां वर्तमान स्थिति में घोर अनियमितता पाई गयी। वहीं इस मामले में देवकुंड मठाधीश कन्हैयानंद पुरी ने बताया कि वर्ष 2018 में कुछ लोग गौ रक्षा के नाम पर तत्काल गोवंशो की रहने की अनुमति मांगी थी। उसके बाद से लगातार वे जमीन पर अतिक्रमण करते जा रहे हैं। प्रशासन के आदेश के बावजूद क्षमता से अधिक जानवरों को रखा जा रहा है। पशु क्रूरता के तहत बेहतरीन नस्ल के दुधारू जानवरों को लाकर कुछ दिन में अलग जगह पर शिफ्ट कर दिया जाता है और कमजोर जानवरों को लाकर यहां मार दिया जाता है। वर्तमान गौशाला प्रबंधक नताशा जैन ने मिडिया द्वारा सवाल पुछे जाने पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। गौरतलब हो की गौशाला के प्रति ग्रामीणों की हो रही परेशानी पर गोह राजद विधायक भीम सिंह ने चार दिन पूर्व देवकुंड पहुंचकर जिला पदाधिकारी से गौशाला हटाने की मांग की थी।