बिक्रमगंज| जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार के निर्देश पर बिक्रमगंज प्रखंड के सभी बारह पंचायतों में नल-जल योजना, फ़र्टिलाइज़र रिटेल शॉप्स, विद्यालयों, स्वास्थ्य उप केंद्रों, आंगनवाड़ी केंद्रों, पीडीएस विक्रेताओं की गहनतापूर्वक एवं विशद जांच की गई। जांच के लिए 12 जिलास्तरीय पदाधिकारियों की अलग अलग पंचायतों हेतु अलग अलग टीमें बनाई गई थी, जिनमें जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ तकनीकी पदाधिकारी भी शामिल थे। आज के इस जांच अभियान में कुल 12 स्वास्थ्य उप केंद्रों, लगभग 48 पीडीएस विक्रेताओं, 48प्राथमिक और मध्य विद्यालयों, 11 उच्च विद्यालयों, 47 आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 23 नल-जल योजनाओं आदि की गहन एवं गुणवत्तापूर्ण जांच की गई।(रोहतास: जिलाधिकारी ने औचक)
जांच का नेतृत्व खुद जिलाधिकारी किया गया। जाँच क्रम में जिलाधिकारी बिक्रमगंज के रामाधार सिंह 10+2 विद्यालय, dhangain, अनुमंडल अस्पताल बिक्रमगंज आदि का निरिक्षण किया| निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित पाए गए दो चिकित्सकों का वेतन जिलाधिकारी द्वारा स्थगित किया गया साथ ही स्टॉक में उपलब्ध एवं प्रदर्शित दवाओं के फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों को नहीं उपलब्ध कराए जाने को लेकर फार्मासिस्ट का वेतन स्थगित करते हुए उनपर अनुशासनात्मक कारवाई का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। स्वास्थ्य उप केंद्रों की व्यापक जांच के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण जनता विशेषकर वंचित वर्गों को उनके निकटतम स्थल पर बेहतर दवाएं और चिकित्सा सुविधाएं निरंतर और गुणवत्तापूर्ण रूप से उपलब्ध कराया जाना सरकार का महत्वपूर्ण लक्ष्य एवं जिला प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकता है।(रोहतास: जिलाधिकारी ने औचक)
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जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केंद्र का भी निरीक्षण किया। इस निमित्त उन्होंने किसानों को ढैंचा का प्रयोग कर धान की खेती की सलाह दी ताकि यूरिया का प्रयोग कम हो सके। उन्होंने बिना कदवा एवं रोपनी किए हुए धान की खेती की सराहना की|
उच्च माध्यमिक विद्यालय के निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने शिक्षकों से भी इंटरेक्शन किया। इन “मेगा जांचों” का उद्देश्य बताते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इनका उद्देश्य शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन लाना है, सकारात्मक सुधार लाना है ना कि किसी को दंडित किया जाना है। सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, वैल्यू एजुकेशन मिले, सुदूर ग्रामीण अंचल के वंचित/निर्धन परिवार के बच्चों का समग्र विकास हो| यही सरकार एवं जिला प्रशासन का अंतिम लक्ष्य है। शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी महोदय ने सभी शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में आचरण एवं व्यवहार रखने का निर्देश दिया।(रोहतास: जिलाधिकारी ने औचक)
उन्होंने सभी शिक्षकों से विद्यालय अवधि में अध्यापन के अलावा खाली समय मे वाचनालय, रीडिंग रूम में अपने ज्ञान को अपडेट करने तथा छात्रों की व्यक्तिगत, मनोवैज्ञानिक तथा शैक्षणिक समस्याओं के निराकरण में सकारात्मक सहयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने विद्यालय प्राचार्य को नियमित रूप से क्विज, डिबेट, खेल-कूद प्रतियोगिता आयोजन कराते रहने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि खाद के खुदरा विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण एवं स्टॉक, विक्रय मूल्य इत्यादि की जांच आगे भी जारी रहेगी।