कैमूर| इस वर्ष इंद्र देव की नाराजगी के कारण बारिश नही होने से धान की फसल पर सीधा असर पड़ रहा है जिससे धान की रोपनी और कुछ रोपे गए धान सुख रहे हैं| बारिश होने से कैमूर के किसानों पर पड़ रहा है बड़ा असर, किसान चिंतित है कि जिले के मोकरी गाँव के गोबिंद भोग चावल जो विश्व प्रसिद्ध है जिससे अयोध्या में भगवान श्रीराम चन्द्र को भोग लगता है, जो प्रत्येक वर्ष सैकड़ों कुंटल चावल अयोध्या पहुंचता है, जिसकी खुशबू से लोग कायल हो जाते हैं|(कैमूर: भगवान श्री रामचन्द्र)
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लेकिन अब कैसे लगेगा भोग, बता दे कि अभी तक पूरे जिले में मात्र 3 फीसदी ही धान की रोपनी हुई है| बारिश नहीं होने और नहरों में पानी नहीं आने से धान के खेती के लिए डाला बिछड़ा भी पानी नहीं मिलने से सुख रहा है| जिससे किसान चिंतित है कि धान का कटोरा कहे जाने वाले जिले में इस वर्ष किसान के थाली में चावल की समस्या होने वाली है तो फिर अयोध्या में भगवान श्रीराम चंद्र जी को भोग लगाने के लिए कैसे चावल भेजा जाएगा| बताते चले कि जिले के अधिकांश भागो में धान की खेती बारिश पर निर्भर है|(कैमूर: भगवान श्री रामचन्द्र)
कैमूर जिले बारिश नहीं होने से अयोध्या में भगवान श्रीराम पर पड़ेगा असर
देश की मशहूर चावल जिले के मोकरी गाँव से उत्पादन होता है, हर साल 18 टन गोबिंद भोग चावल भेजा जाता है पर इस वर्ष आषाढ़ माह खत्म होने को है पर बारिश नहीं होना जिले के किसानों की चिंता बढ़ा दी है| किसान फेर में पड़ गए है कि जब हमलोग अपने खाने के लिए चावल नही उपजा सकते तो कैसे भगवान को भोग लगाने के लीए चावल भेजेंगे|(कैमूर: भगवान श्री रामचन्द्र)
क्या कहते है अब तक बारिश नहीं होने से मोकरी गाँव के किसान
गाँव के पूर्व मुखिया जय शंकर बिहारी, कृष्ण देव सिंह, अमीरुदीन अंसारी ने बताया कि पिछले साल बारिश अच्छी हुई थी जिससे धान की फसल अच्छी हुई थी पर इस वर्ष आषाढ़ माह खत्म होने को है पर अभी तक धान की रोपनी शुरू ही नहीं हुई, जबकि पिछले साल अभी तक धान की रोपनी खत्म हो गई थी| मेरे ही गाँव से गोबिंद भोग चावल से अयोध्या में भगवान श्रीराम चन्द्र को भोग लगता है|18 टन चावल भेजा जाता था पर इस वर्ष बारिश नहीं होने से जब हमलोगों के थाली में चावल की आफत होने वाली है तो हम कैसे भगवान को चावल भेजेंगे, जबकि कैमूर जिला को धान का कटोरा कहा जाता है|
इंद्र भगवान की नाराजगी जिले के किसानों की परेशानी बढ़ा सकती है| आषाढ़ माह खत्म होने के बाद भी बारिश नहीं होना चिंता का विषय बना हुआ है| जब बारिश होगी तब ही धान की खेती होगी और अयोध्या में श्रीराम चन्द्र को भोग लगाने के लिए गोबिंद भोग चावल भेजा जायेगा|