खोदावंदपुर : किसानों को सुविधा देने के लिए उपलब्ध करवाया गया विभिन्न कृषि संयंत्र मात्र शोभा की वस्तु बनकर रह गया है।जीविका के माध्यम से उपलब्ध करवाये गये कृषि संयंत्र बेकार पड़े हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि यंत्र बैंक के नाम से चलायी जा रही इस महत्वपूर्ण योजना के तहत जीविका ग्रुप को कई कृषि संयंत्र दिया गया है। सागी एवं फफौत पंचायत के चकवा गांव में संचालित जीविका ग्रुप को कृषि विभाग द्वारा 80 प्रतिशत अनुदान पर ट्रेक्टर, रोटावेटर, थ्रेसर, हार्वेस्टिंग मशीन, जिरोटिलेज मशीन उपलब्ध करवाया गया।
यह कृषि संयंत्र 28 मार्च 2022 को चकवा गांव की जीविका कार्यकर्ता खुशबू कुमारी को सीएसपी संचालक बनाकर दिया गया। खोदावंदपुर जीविका कार्यालय के माध्यम से यह कृषि संयंत्र उपलब्ध करवाया गया। ये सभी कृषि संयंत्र चकवा गांव में मोहन महतो के पुत्र बसंत कुमार के दरवाजे पर रखवा दिया गया। बसंत कुमार का कहना है कि इन कृषि संयंत्रों को सुरक्षित रखने के लिए ऋण लेकर शेड बनवाये।विभाग ने इसके लिए किराया देने की बात भी कही, परन्तु इस घटना के चार माह बीत जाने के बाद भी एक महीने का किराया नहीं मिला है। इतना ही नहीं ट्रैक्टर चलाने के लिए उसे ड्राइवर के रूप में कार्य करने की सहमति भी दी गयी, परन्तु ड्राइवर के रूप में भी उससे कोई काम नहीं लिया गया।
इस संदर्भ में प्रखंड कृषि समन्वयक मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि किसानों को कम लागत व निर्धारित रेट पर कृषि कार्यों में सुविधा देने के लिए विभाग ने कृषि संयंत्र उपलब्ध करवाया था अगर इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है तो इस बात की जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई की जाएगी।