बरियारपुर/मंझौल: चेरिया बरियारपुर व्यापार मंडल में शुक्रवार को इफको कंपनी के बेगूसराय के वरीय प्रबंधक राज नारायण सिंह के नेतृत्व में इफको नैनो यूरिया के महत्व पर आधारित कृषक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वरीय प्रबंधक ने इफको नैनो यूरिया के इस्तेमाल व महत्व के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि खेतों में प्रथम डोज दानेदार यूरिया से करना चाहिए, दूसरा एवं तीसरा डोज नैनो तरल यूरिया से करना चाहिए। एक बोरा यूरिया विदेशों से तीन से चार हजार रुपए की दर से महंगा आयात किया जाता है। सरकार ने विदेशों से यूरिया एवं डीएपी का आयात कम कर दिया है। जिसके परिणाम स्वरूप इस वर्ष डीएपी एवं यूरिया की कमी देश के किसानों को महसूस हुई।
आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर हम कम लागत पर कृषि में अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। यूरिया एवं डीएपी के इस कमी को हम नैनो तरल यूरिया व डीएपी का इस्तेमाल कर पूरा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक पैकेट यूरिया में जितना नाईट्रोजन की आपूर्ति फसलों को होती है उतना एक बोतल नैना यूरिया से फायदा होता है। सारथी परिवहन लागत भी बचता है। सरकार ने विदेशों से 20 लाख टन यूरिया का आयात कम कर दिया है। इसके विकल्प के रूप में नैनो यूरिया के प्रथम प्लांट का उद्घाटन गुजरात में हो चुका है। बरौनी समेत कुल 8 नैनो यूरिया प्लांट की स्थापना देश में होना है। इसके अलावे चेरिया बरियापुर इफको बाजार के प्रबंधक प्रत्यूष कुमार ने भी संबोधित करते हुए नैनो यूरिया के इस्तेमाल एवं महत्व के बारे में किसानों को जानकारी दिया। इसके अलावा प्रगतिशील किसान संजय कुमार ने भी किसानों को प्रधानमंत्री के द्वारा आह्वान किए गए प्राकृतिक खेती व आधुनिक खेती के तकनीकों की जानकारी दिया। मौके पर खाँजहापुर पैक्स प्रबंधक मुकेश कुमार गुप्ता, किसान शंकर पासवान, बाबू प्रसाद, खुशी लाल महतो, डॉ. बोल हरी महतो समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।