मारूफपुर। जिले की अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी हुई हैं लेकिन क्षतिग्रस्त सड़कों का पुरसाहाल लेने वाला कोई नही है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों कहना है कि चुनाव से पहले गड्डा मुक्त सड़कों का दम्भ भरने वाली सूबे की सरकार के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। केवल जनता को खुश करने के लिए सड़कों के किनारे सीमांकन कराया जाता है लेकिन धरातल पर सब शून्य नजर आता है। जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली सैदपुर-चन्दौली की मुख्य सड़क अपनी दुर्दशा पर आंशू बहा रही है लेकिन सम्बंधित अधिकारी और जनप्रतिनिधी मानो कुम्भकर्णी निद्रा में लीन हैं।(चन्दौली: खस्ताहाल सड़कों का)
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सैदपुर घाट से लगायत मझीलेपुर तक सड़क की स्थिति नारकीय हो चुकी है आये दिन सड़कों पर, नाले का गंदा पानी जमा हो जाता है जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी फ़जीहत झेलनी पड़ती हैं लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधी या विभागीय अधिकारी इन जर्जर सड़कों की सुध लेने के लिए तैयार ही नही है। वहीं बाजारवासियों का कहना है कि वर्तमान सरकार पिछले 02 वर्षों से सड़क चौड़ीकरण की खबर चला रही है लेकिन धरातल पर अभी तक कोई कार्य आरंभ होता दिखाई नही पड़ रहा है। वहीं क्षेत्र की दर्जनों सड़कें बदहाली की कगार पर पहुँच चुकी हैं।क्षतिग्रस्त सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने से राहगीर आये दिन गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। अगर समय रहते इन सड़कों का मरम्मत नही कराया गया तो बड़ी दुर्घटना के घटित होने से इनकार नही किया जा सकता है।(चन्दौली: खस्ताहाल सड़कों का)