पटना| नेपाल के रहने वाले 7 वर्षीय युबराज के ब्रेनस्टेम में ट्यूमर था जिसका इलाज कराने को लेकर नेपाल के सभी चिकित्सक जवाब दे चुके थे, फिर युबराज के माता पिता को गुरुग्राम के नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के बारे में जानकारी मिली इसके बाद बच्चे को नेपाल से गुरुग्राम लाया गया, जहां वरिष्ठ न्यूरो-सर्जन डॉ. अनुराग गुप्ता की निगरानी में युबराज के ब्रेनस्टेम में मौजूद ट्यूमर को 10 घंटे चले ऑपरेशन के बाद सफलतापूर्वक निकाल दिया गया।(पटना| ब्रेनस्टेम में ट्यूमर)
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सात वर्षीय युबराज का वजन महज 14 किलोग्राम था जब उन्हें नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम लाया गया, नेपाल के डॉक्टर पहले ही बच्चे को लेकर हार मान चुके थे, तभी युबराज के माता-पिता को गुरुग्राम के नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद वरिष्ठ सलाहकार न्यूरो-सर्जन डॉ. अनुराग गुप्ता से इस परिवार की व्हाट्सएप पर बातचीत हुई जिसके बाद 7 वर्षीय युबराज के माता-पिता उसे लेकर अस्पताल आए।(पटना| ब्रेनस्टेम में ट्यूमर)
डॉ अनुराग गुप्ता ने बताया कि ब्रेनस्टेम मस्तिष्क के पीछे की तरफ का एक भाग होता है, जो हमारी रीढ़ की हड्डी से लगा हुआ होता है। मनुष्य के दिमाग में ब्रेनस्टेम, मिड ब्रेन यानी दिमाग के मध्यभाग का हिस्सा होता है। ब्रेन का यह हिस्सा हमारी क्रियाओं का संचालन करता है। इसमें बहुत सारी नसें हैं जो सांस लेने, दिल की धड़कन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों जैसे बुनियादी कार्यों के लिए होती हैं।(पटना| ब्रेनस्टेम में ट्यूमर)
युबराज का इलाज करने वाले डॉ अनुराग गुप्ता ने बताया, जब युबराज को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया तब वो ठीक से बात नहीं कर पा रहा था, ना ही ठीक से चल पा रहा था, यहां तक कि उसे भोजन निगलने में भी कठिनाई हो रही थी जिसे सही करना बहुत की महत्वपूर्ण था और उसका वजन पिछले दो महीनों में 5 किलोग्राम कम हो गया था। उसका वजन सिर्फ 14 किलो था और वह इतना बोलनें में भी असमर्थ था कि अपना नाम बताने में भी उसे कठिनाई हो रही थी जिसे ठीक करना बहुत ही महत्वपूर्ण था हालांकि ये बहुत ही चुनौतीपूर्ण भरा काम था, फिर हमने एक एमआरआई किया, जिसमें युबराज के ब्रेनस्टेम में एक ट्यूमर दिखा, जिसे निकालना असंभव प्रतीत हो रहा था।
डॉ. अनुराग गुप्ता कहते हैं कि इस जगह से ट्यूमर को हटाना बहुत ही कठिन कार्य होता है, क्योंकि इस जगह पर किसी भी गलत कदम से तंत्रिका तंत्र को क्षति हो सकती है। हमने बच्चे का ऑपरेशन करने का फैसला किया और ट्यूमर को पूरी तरह से निकालने में 9-10 घंटे का समय लगा। हमारी टीम वास्तव में भाग्यशाली थी कि अस्पताल ने इस नई तकनीक जिसे ट्यूमर फ्लोरोसेंस कहते हैं उसकी शुरुआत की थी और यह वास्तव में हमरे लिए काफी सहायक सिद्ध हुई। सबसे अच्छी बात यह है कि यह ट्यूमर एक ग्रेड 1 ट्यूमर था और इसे हटाने के बाद पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। युबराज अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और अपने सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हैं।