हाजीपुर| माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन एवं मार्गदर्शन में भारतीय रेल नई उंचाईयों को छू रहा है। इसी क्रम में बिहार में पिछले 08 वर्षों में रेलवे द्वारा आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिये नई लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण व विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई कार्य पूरे किये गए हैं जिससे इस क्षेत्र में विकास को एक नई दिशा मिली है ।(हाजीपुर: बिहार में पिछले)
बिहार में रेलवे के आधारभूत संरचनओं एवं यात्री सुविधा के विकास के लिए 2014-2022 तक प्रतिवर्ष औसतन 3960 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा रहा है । इसी का परिणाम है कि बिहार में काफी तेजी से लंबित रेल परियोजनाओं के साथ ही नई परियोजनओं को पूरा किया जा सका है ।(हाजीपुर: बिहार में पिछले)
गंगा नदी बिहार राज्य को उत्तरी व दक्षिणी भागों में विभाजित करती है तथा उत्तर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र को कोसी नदी पुनः पूर्वी एवं पश्चिमी हिस्से में विभक्त करती है । बिहार में गंगा नदी पर मात्र तीन पुल ही थे । भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में एक बिहार राज्य में अपर्याप्त रेल पुल, राज्य के विकास को बाधित करने वाले कारकों में से एक था। बिहार के एकीकरण हेतु रेलवे द्वारा गंगा नदी पर एक दीघा, पटना में एवं दूसरा मुंगेर में दो महासेतुओं का निर्माण किया गया जिससे उत्तरी बिहार एवं दक्षिणी बिहार के बीच आवागमन में काफी मदद मिली है । इसके साथ ही कोसी नदी पर भी एक पुल का निर्माण कार्य पूरा किया गया जिससे 88 वर्षों के बाद कोसी और मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुनः स्थापित हो पाया । इसके साथ ही विगत वर्षों में सोन नदी पर डेहरी-ऑन-सोन और सोननगर के बीच नये पुल, हाजीपुर एवं सोनपुर के बीच गंडक नदी पर दूसरा रेल पुल तथा कोसी नदी पर कटरिया और कुरसेला के बीच एक नया पुल का निर्माण कार्य भी पूरा किया गया ।
प्रधानमंत्री ने 12 मार्च, 2016 को नवनिर्मित रेल सह सड़क पुल, पटना तथा रेल सह सड़क पुल, मुंगेर के रेलवे का भाग राष्ट्र को समर्पित किया । इसके साथ प्रधानमंत्री द्वारा वर्तमान राजेन्द्र पुल के समानांतर एक नए रेल पुल की आधारशिला भी रखी थी। 18 सितम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री जी द्वारा कोसी महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया गया था ।
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पिछले 08 वर्षों में 2014 से 2022 तक रेलवे द्वारा बिहार में 309 किमी नई रेल लाईन, 370 किमी रेल लाईन का आमान परिवर्तन, 243 किमी लाईनों का दोहरीकरण पूरा करते हुए उनपर ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ किया जा चुका है।
उपरोक्त आधारभूत संरचनाओं के निर्माण से न केवल इस क्षेत्र के लोगों को सस्ती, सुलभ एवं आरामदायक आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो पायी बल्कि इस क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा ।(हाजीपुर: बिहार में पिछले)
गत वर्षों में पूरे किये गये नई लाईन, आमान परिवर्तन एवं दोहरीकरण परियोजनओं का संक्षिप्त विवरण –
2018-2019 में 08 किमी लंबे बिरौल-हरनगर नई रेल लाईन एवं 14 किमी लंबे रामदयालू-कुढ़नी एवं 14 किमी लंबे कुढ़नी-भगवानपुर रेलखंड दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया । इसके साथ ही, 42 किमी लंबे रक्सौल-नरकटियागंज, 11 किमी लंबे सकरी-मंडन मिश्र, 16 किमी लंबे सहरसा-गढ़बरूआरी एवं 16 किमी बनमनखी-बड़हरा कोठी रेलखंड का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया ।
2019-2020 में 30 किमी लंबे घोसवर-वैशाली नई रेल लाईन एवं 21 किमी लंबे इसलामपुर-नटेसर नई रेल लाईन तथा 10 किमी लंबे समस्तीपुर-किशनपुर, 14 किमी लंबे भागवनपुर-घोसवर, 20 किमी लंबे बछवारा- मोहीउद्दीनगर, 13 किमी लंबे मोहीउद्दीनगर-शाहपुर पटोरी, 18 किमी लंबे मानपुर-वजीरगंज तथा 14 किमी लंबे बख्तियारपुर लिंक-बाढ़ रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया । इसके साथ ही, 25 किमी लंबे सुपौल-सरायगढ़, 11 किमी लंबे गढ़बरूआरी-सुपौल एवं 09 मंडन मिश्र-झांझरपुर रेलखंड का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया ।
2020-2021 में 13 किमी लंबे सरायगढ़-आसनपुर कुपहा नई रेल लाईन एवं 09 किमी लंबे दरभंगा-थलवारा रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया । इसके साथ ही, 11 किमी लंबे सरायगढ़-राघोपुर एवं 09 किमी लंबे झांझरपुर-तमुरिया रेलखंड का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया ।(हाजीपुर: बिहार में पिछले)
2021-2022 में 09 किमी लंबे निर्मली-आसनपुर कुपहा नई रेल लाईन एवं 07 किमी लंबे कटरिया-कुरसेला, 11 किमी लंबे साठी-नरकटियागंज, 12 किमी लंबे सहदेई बुर्जुग-शाहपुर पटोरी तथा 11 लंबे हाजीपुर-अक्षयवट राय नगर एवं 11 किमी लंबे पटलीपुत्र-पहलेजा रेलखंड रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया । इसके साथ ही, 20 किमी लंबे राघोपुर-ललितग्राम, 12 किमी लंबे बड़हरा कोठी-बिहारीगंज, 22 किमी लंबे तमुरिया-निर्मली का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया ।
इसके साथ ही, दिनांक 02.04.2022 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री शेर बहादुर देउवा द्वारा भारत-नेपाल रेल परियोजना के तहत् प्रथम चरण में नव आमान परिवर्तित जयनगर-जनकपुर धाम-कुर्था रेलखंड पर डेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया । भारत के जयनगर और नेपाल के कुर्था के बीच डेमू सेवा के परिचालन प्रारंभ हो जाने के दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही दोनों देशों के बीच पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा ।