गत 27 मई को जब कृतज्ञ राष्ट्र आधुनिक भारत के निर्माता व देश के यशस्वी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्य तिथि मना रहा था इससे ठीक दो दिन पूर्व मध्य प्रदेश के सतना शहर में कलेक्ट्रेट कार्यालय के बिल्कुल क़रीब धवारी चौराहे पर पंडित नेहरू की प्रतिमा पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लाठी डंडे व पत्थर बरसाये गये और प्रतिमा को खण्डित करने प्रयास किया गया। हाथों में भगवा झण्डा लिए हुए कुछ असामाजिक तत्व नेहरू जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करते दिखाई दिये। देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर इसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ले जाने तक में पंडित नेहरू का क्या योगदान है, भले ही हमारे अपने देश की उस ज़हरीली विचारधारा रखने वाले लोगों को न मालूम हो जो अपनी पूरी ऊर्जा नेहरू के विरुद्ध षड़यंत्र रचने,उनके विरुद्ध झूठी कहानियां गढ़ने,यहां तक कि उन्हें मुसलमान प्रमाणित करने में ख़र्च करते रहे हों। परन्तु इस दक्षिणपंथी विचारधारा के अतिरिक्त शेष भारतीय व पूरा विश्व आज भी पंडित नेहरू की राजनैतिक सूझ बूझ व उनकी दूरदर्शिता का क़ायल है। पंडित नेहरू के विषय में देश के महान क्रांतिकारी भगतसिंह ने कहा था कि -‘मैं देश के भविष्य के लिए गांधी, लाला लाजपत राय और सुभाष बोस वग़ैरह सब को ख़ारिज करता हूं। केवल जवाहरलाल वैज्ञानिक मानववादी होने के कारण देश का सही नेतृत्व कर सकते हैं। नौजवानों को चाहिए नेहरू के पीछे चलकर देश की तक़दीर गढ़ें।’ परन्तु चतुर चालाक नेहरू विरोधी भगत सिंह के इस कथन को याद करने के बजाये कभी पंडित नेहरू व भगत सिंह के मध्य तो कभी पंडित नेहरू व सरदार पटेल के मध्य नये नये मतभेदों की कथायें गढ़ते रहते हैं। नेहरू ही थे जिन्होंने देश को योजना आयोग, भाषावादी प्रांत,भाखड़ा नंगल डैम, आणविक शक्ति आयोग, अनेक सार्वजनिक उपक्रम, तथा भिलाई इस्पात संयंत्र आदि के अतिरिक्त और भी बहुत सारे उपक्रम,संस्थान,संस्थायें योजनायें देकर देश को प्रगति पर लाने अपना बेशक़ीमती योगदान दिया।(महापुरुषों को अपमानित करने)

ममता बनर्जी के बयान पर भड़के अशोक चौधरी — “SIR को NRC से जोड़ना जनता को भ्रमित करने की साजिश”
पटना: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा SIR (Socio-Economic and Caste Survey) को लेकर दिए गए बयान पर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।



























