रोहतास: नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर घने जंगल में स्थित पिपरडीह पंचायत का बंडा गांव के लोगों को बिजली लगभग दस महीनों से नहीं मिल रही है. जिसके कारण काफी परेशानी होती है. चारों ओर जंगल से घिरे रहने के कारण हिंसक पशुओं व विषैले जीव जंतुओं से खतरा बना रहता है. ग्रामीण बताते हैं कि शाम ढलते ही गांव में अंधेरा छा जाता है. कभी एक ओर से लकडबग्घा या चीता का दहाड़ आता है तो कभी दूसरी ओर से नागों का फुंफकार सुनने को मिलता है. सूरज के ढलते ही दिल भय से धड़कने लगता है. तमसो मा ज्योतिर्गमय का प्रार्थना ईश्वर से करते हैं.(आज भी अँधेरे में)
बता दे कि पहाड़ पर किसी भी गांव में बिजली नहीं रहने के कारण वर्ष 2018 में छियालीस सोलर प्लांट लगाकर बिजली आपूर्त्ति करनी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोलर प्लांट का उद्घाटन रेहल गांव में किया था. मुख्यमंत्री के जाते ही पहाड़ के गांवों का सोलर लाइट भी चला गया. सोलर प्लांट की देख रेख करने के लिए सुपरवाइजर तो नियुक्त हुए लेकिन लापरवाही के कारण बिजली व्यवस्था भी खराब होते चली गयी. बंडा गांव में दो सोलर प्लांट लगाया गया था. जिसमें एक सोलर प्लांट की बैट्री पिछले साल जुलाई माह में ही खराब हो गई तब से बिजली मिलना लोगों को बंद हो गया. शिकायत करने पर कोई सुनता ही नहीं है.(आज भी अँधेरे में)
दूसरी ओर पीडीएस दुकानदार महीने में एक लीटर किरासन तेल देता है जो चार दिन भी चलने के लिए पर्याप्त नहीं है. बंडा गांव के ओमप्रकाश यादव ने बताया कि सोलर प्लांट से जलने वाला बल्ब भी विशेष प्रकार का है. जो स्थानीय बाजार में उपलब्ध नहीं है. प्लांट को ठीक करने के लिए दर्जनों बार मांग की गयी लेकिन कोई नहीं आया. कनीय अभियंता बबलु कुमार ठाकुर ने बताया कि मामले की किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है. जानकारी प्राप्त कर बिजली आपूर्त्ति प्रारंभ कर दी जाएगी. सोलर प्लांट की देखरेख एलएंडटी के लोग करते है. उन्हें निर्देशित किया जाएगा.