पाकिस्तान, सूडान और सर्बिया पढ़ने जाते हैं भारतीय छात्र
संयुक्त अरब अमीरात है भारतीय छात्रों का सबसे बड़ा ठिकाना
मीडिया दर्शन/नई दिल्ली| रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत वापस लाने का अभियान जारी है। भारत में भले ही दुनिया की बेहतरीन शिक्षा प्रणाली मौजूद हो, बावजूद इसके यहां से हर साल लाखों की संख्या में छात्र विदेश पढ़ने जाते हैं। वजह चाहे विदेशी शिक्षण संस्थाओं का आकर्षण हो या फिर भारत के मुकाबले किफायती फीस संरचना, हमारे विद्यार्थी विश्व के लगभग 100 देशों में बेधड़क पहुंच रहे हैं।
भारतीय छात्रों का ठिकाना एक तरफ अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन जैसे विकसित देश हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान, सूडान, सर्बिया और मोजाम्बिक जैसे छोटे व पिछड़े देशों में भी अपना भविष्य बनाने के लिए हमारे छात्र पहुंच रहे हैं। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के मुताबिक इस समय विश्व के 99 देशों में 11 लाख 33 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। जिन देशों में सबसे ज्यादा भारतीय छात्र हैं, उनमें संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, ग्रेट ब्रिटेन आदि का नाम शुमार है। विदेश मंत्रालय के उत्प्रवासन ब्यूरो (बीओआई) मुताबिक सबसे ज्यादा 2,19,000 भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में पढ़ाई कर रहे हैं तो कनाडा इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं, जहां 2,15,720 छात्र अध्ययनरत हैं। इसी प्रकार अमेरिका में 2,11,930 तो आस्ट्रेलिया में 92,383 भारतीय छात्र अपना भविष्य बनाने में जुटे हैं।
सर्बिया में है सिर्फ एक भारतीय छात्र
भारतीय छात्रों का पढ़ाई के लिए विकसित और विकासशील देशों में जाने का औचित्य तो समझ में आता है, लेकिन पाकिस्तान, कतर, मोजाम्बिक, लेबनान जैसे देशों में जाने का ट्रेंड समझना थोड़ा मुश्किल है। विदेश मंत्रालय के उत्प्रवासन ब्यूरो (बीओआई) के आंकड़े बताते हैं कि इस समय पाकिस्तान में 230 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। सर्बिया में सिर्फ एक भारतीय छात्र इस वक्त पढ़ाई कर रहा है। इसी प्रकार मोजाम्बिक, जोर्डन और बेरूत में 2-2 तो रीयूनियन द्वीप में 3 भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
पाकिस्तान पढ़ने जाते हैं कश्मीरी छात्र
भारतीय छात्रों के पाकिस्तान जाने पर आश्चर्य होना स्वाभाविक है। लेकिन यह सच्चाई है। हालांकि पाकिस्तान में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के छात्र ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने जाते हैं। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसकी पहली वजह यह है कि अन्य देशों के मुकाबले पाकिस्तान में पढ़ाई सस्ती है। दूसरी अहम वजह यह है कि पड़ोसी के साथ मुस्लिम देश होने के चलते पाकिस्तान कश्मीरी छात्रों को ज्यादा लुभाता है, क्योंकि भाषा व रहन-सहन में साम्यता होने के चलते उन्हें वहां अपनापन और सुरक्षा का भाव महसूस होता है ।
विकसित देशों का आकर्षण भी है वजह
अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में पढ़ने जाने का महत्वपूर्ण कारण विकसित देशों की चकाचौंध का आकर्षण माना जाता है। जानकार बताते हैं कि विकसित देशों की डिग्रियों से छात्रों को मोटी तनख्वाह और बेहतर सुविधाएं मिलती है तो वहीं उन्हें भविष्य में विकसित देशों में बसने का मौका भी मिलता है। विदेश मंत्रालय अध्ययन के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए जल्द ही एक ग्लोबल इंडियन स्टूडेंट्स पोर्टल लॉन्च करने वाला है। इस पोर्टल में पाठ्यक्रमों, विदेशी विश्वविद्यालयों, नोडल अधिकारियों, मान्यता आवश्यकताओं आदि के बारे में जानकारी होगी।