नेपाल में राजशाही की पुनर्स्थापना और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी ने शाह पर 100,000 नेपाली रुपए का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है, और उनका पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि वे देश छोड़कर न जा सकें。
इन प्रदर्शनों के दौरान काठमांडू में हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक पत्रकार सहित दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, इमारतों और दुकानों में आग लगा दी, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सुरक्षा प्रमुखों के साथ आपात बैठक बुलाई और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके अलावा, काठमांडू में कर्फ्यू लगाया गया है और सेना को सड़कों पर तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। पुलिस ने अब तक 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें राजशाही समर्थक नेता भी शामिल हैं।
इन घटनाओं के बाद, नेपाल सरकार ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा में कटौती करने का भी निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि शाह और उनके समर्थकों की गतिविधियों से देश की शांति और स्थिरता को खतरा हो सकता है, इसलिए उनके खिलाफ ये कदम उठाए गए हैं।
नेपाल में वर्तमान स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।