बिहार के चर्चित चारा घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। राज्य सरकार अब इस मामले में 950 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। यह रकम उस घोटाले से जुड़ी है, जिसमें सरकारी खजाने से फर्जी बिलों के जरिए भारी रकम निकाली गई थी।
क्या है मामला?
चारा घोटाला 1990 के दशक में सामने आया था, जिसमें पशुपालन विभाग के तहत फर्जीवाड़ा कर सरकारी धन की लूट हुई थी। इसमें कई बड़े राजनीतिक नाम जुड़े थे, जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी दोषी पाए गए थे। इस घोटाले के अलग-अलग मामलों में लालू यादव को सजा भी हो चुकी है।
सरकार की कार्रवाई
बिहार सरकार ने घोटाले से जुड़े दोषियों से 950 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कानूनी कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि यह जनता के पैसे की हानि है, जिसे वापस पाना जरूरी है।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
इस फैसले के बाद बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। राजद ने इसे बदले की कार्रवाई बताया, जबकि भाजपा और जदयू इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा कह रही हैं। लालू यादव और उनके समर्थकों का कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए उठाया जा रहा है।
अब देखना होगा कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला लेती है और बिहार की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ता है।