झारखंड और बिहार का केवल भौगोलिक रूप से जुड़े नहीं हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंध भी बेहद गहरा है। भले ही 2000 में झारखंड एक अलग राज्य बन गया, लेकिन दोनों राज्यों के लोगों के बीच आत्मीयता और भाईचारा आज भी उतना ही मजबूत है।
बिहार और झारखंड की भाषा, रीति-रिवाज, परंपराएं और खानपान एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। छठ पूजा, सरहुल, मकर संक्रांति जैसी अनेक पारंपरिक पर्व-त्योहार दोनों राज्यों में समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इसके अलावा, झारखंड में रहने वाले कई परिवारों की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं और बिहार के कई लोग आज भी झारखंड में रोज़गार व व्यापार के सिलसिले में बसे हुए हैं।
राजनीतिक स्तर पर भले ही ये दो अलग राज्य हों, लेकिन सामाजिक और आर्थिक रूप से इनका संबंध अटूट है। राजभूषण का कहना है कि यह संबंध केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिलों का रिश्ता है, जो कभी नहीं टूट सकता। दोनों राज्य एक-दूसरे के विकास में सहायक बने रहेंगे और आने वाले समय में भी यह आत्मीयता बनी रहेगी।
राजभूषण का यह कथन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक कारणों पर आधारित है। झारखंड और बिहार का संबंध केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी बहुत गहरा है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
1. ऐतिहासिक संबंध
झारखंड कभी बिहार का ही हिस्सा था, और 15 नवंबर 2000 को इसे एक अलग राज्य के रूप में स्थापित किया गया। हालांकि, वर्षों तक एक साथ रहने के कारण दोनों राज्यों के लोगों के बीच आपसी भाईचारा और जुड़ाव आज भी कायम है।
2. सांस्कृतिक समानता
बिहार और झारखंड की भाषा, पहनावा, परंपराएं और त्योहार काफी हद तक समान हैं। छठ पूजा, मकर संक्रांति, सावन महोत्सव और अन्य लोक पर्व दोनों राज्यों में समान श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
3. सामाजिक संबंध
झारखंड में रहने वाले कई परिवारों की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं। दोनों राज्यों के लोग एक-दूसरे के राज्यों में शिक्षा, रोजगार और व्यापार के लिए निर्भर रहते हैं। आपसी विवाह संबंध भी इस अटूट रिश्ते को और मजबूत बनाते हैं।
4. आर्थिक और व्यावसायिक जुड़ाव
बिहार और झारखंड की अर्थव्यवस्थाएं भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। झारखंड खनिज संपदा और उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है, जबकि बिहार कृषि और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र है। दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक संबंध इन्हें आपस में जोड़े रखते हैं।
5. भाषाई समानता
दोनों राज्यों में हिंदी, भोजपुरी, मगही, अंगिका और संथाली जैसी भाषाएं बोली जाती हैं, जिससे लोगों के बीच संवाद और आपसी समझ मजबूत बनी रहती है।
6. राजनीतिक और प्रशासनिक सहयोग
हालांकि झारखंड एक अलग राज्य बन चुका है, लेकिन कई प्रशासनिक और राजनीतिक मुद्दों पर बिहार और झारखंड मिलकर काम करते हैं। विकास योजनाओं और आपदा प्रबंधन जैसे मामलों में दोनों राज्यों का सहयोग निरंतर बना रहता है।