औरंगाबाद : जिले के सरकारी स्कूलों में प्ले स्कूल के तर्ज पर बाल वाटिका बनेगा। इस बाल वाटिका, खेल-खेल में नौनिहाल शब्द और अक्षर ज्ञान सीखेंगे। तीन साल के बच्चों के लिए प्ले स्कूल के रूप में बाल वाटिका संचालित होगी। बाल वाटिका में बच्चों को खेल-खेल में शब्द-अक्षर और संख्या आदि का बोध कराया जाएगा। बाल वाटिका में नर्सरी शिक्षा देने के लिए अध्यापकों और आंगनबाड़ी सेविकाओं का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। नई शिक्षा नीति के तहत उम्र के नए नियम से यूकेजी के हजारों बच्चे पहली में नामांकन से वंचित हो रहे हैं। अभिभावकों के लिए यूकेजी पास करने के बाद भी कक्षा एक में बच्चों का नामांकन परेशानी का सबब बना हुआ है। नई शिक्षा नीति में छह साल से कम उम्र के बच्चों को कक्षा एक में नामांकन नहीं देना है। जिले में बड़ी संख्या में अभिभावक इससे पहले ढाई साल तक की उम्र में ही बच्चों का प्ले स्कूल में दा
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खिला कराते रहे हैं। ऐसे में प्ले स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों में ज्यादातर की उम्र 5 साल से लेकर साढ़े पांच साल है। इस बार ये बच्चे यूकेजी कर चुके हैं। जिले में ऐसे बच्चों की संख्या एक हजार से अधिक हैं। शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बाल वाटिका में बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाएगा। यह बाल वाटिका प्री स्कूल की तरह होगी। बाल वाटिका में बच्चों की नर्सरी शिक्षा के लिए अध्यापकों और आंगनबाड़ी सेविकाओं की ट्रेनिंग अनिवार्य किया गया है। आंगनबाड़ी सेविकाओं को तो बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। बाल वाटिका में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।