नारी शक्ति वंदन पारित होने से सदन में बढ़ेगी महिलाओं की ताकत : प्रमोद
घाट के समाप्त होने के बाद तत्कालीन जिला प्रशासन के निर्देश पर रेलवे लाइन के उत्तर की तरफ एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई थी और यह आश्वासन दिया गया था कि यहां भी घाट की बेहतर व्यवस्था की जाएगी परंतु आज तक कोई ऐसी व्यवस्था यहां नहीं मिल पाई। ब्राह्मणों ने बताया कि रेलवे के द्वारा फ्रेट कोरिडोर का निर्माण कार्य कराया जाना है। लेकिन जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे की मांग को लेकर किसान कोर्ट चले गए और मामला कोर्ट में अटका हुआ है। यदि सारी बात बन जाएगी तो फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण के बाद यह घाट वैकल्पिक घाट भी समाप्त हो जाएगा। कुंदन पाठक ने बताया कि अभी हाल में ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक स्थलों को बचाने का अभियान चलाया गया था। वैसी स्थिति में उन्होंने औरंगाबाद के सांसद को भी इस घाट के अस्तित्व को बचाने के लिए एक आवेदन देकर गुहार लगाई थी। लेकिन उनकी गुहार काम नहीं आई। उन्होंने बताया कि राजनीतिक एवं प्रशासनिक उदासीनता का यदि आलम यही रहा तो यहां कभी पिंडदान का घाट हुआ करता था वाली स्थिति बन जाएगी।