औरंगाबाद : शहर के सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय परिसर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर संस्कार भारती द्वारा आयोजित 20वीं श्री कृष्ण बाल रूप-सज्जा प्रतियोगिता ” का आयोजन किया गया। द्वितीय सत्र का उद्घाटन बिहार सरकार के पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, सांसद सुशील कुमार सिंह, विधान परिषद दिलीप कुमार सिंह, भाजपा के वरीय नेता गोपाल शरण सिंह, ,समाजसेवी प्रवीण कुमार सिंह, सीतयोग इंजीनियरिंग कॉलेज के सचिव राजेश कुमार, संस्था के संरक्षक डॉ. बीके सिंह,राजीव प्रताप सिंह प्रधानाध्यापक श्रीधर सिंह, डॉ. चंद्रशेखर प्रसाद, विकास कश्यप, प्रांतीय अधिकारी रंजय अग्रहरि, विकास मिश्र, निर्णायक सैकत चटोपाध्याय, मुनमुन चटर्जी ने संयुक्त रूप से बालकृष्ण कलाकारों के समक्ष महाआरती दिखाकर की। प्रथम खंड में शून्य से डेढ़ वर्ष, खंड ख में डेढ़ वर्ष से 4 वर्ष, खंड ग में 4 वर्ष से 7 वर्ष एवं खंड घ मे 7 वर्ष से 10 वर्ष के बच्चे सम्मिलित हुए। श्री बालकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में खंड “क” प्रथम पुरस्कार पीयूष , द्वितीय पुरस्कार पर्यंत कुमार , तृतीय पुरस्कार आयुषी मालवा , खंड ख प्रथम पुरस्कार अन्वी , द्वितीय अमित कुमार सीरिस , तृतीय पुरस्कार दीपांश डेहरी , खंड ग प्रथम पुरस्कार आराध्या एन ए वी ओबरा , द्वितीय पुरस्कार आयुषी एम ए वी ओबरा , तृतीय पुरस्कार पलक कुमारी सीरिस को प्रदान किया गया। खंड घ प्रथम पुरस्कार हार्दिक ओबरा, द्वितीय पुरस्कार अन्वी पिता अमित कुमार व तृतीय पुरस्कार छोटी कुमारी ओबरा को बेहतर प्रस्तुति के लिए संस्था द्वारा दिया गया।
झांकी प्रतियोगिता में सद्भावना समिति को प्रथम पुरस्कार, श्री राम जानकी कन्या उच्च विद्यालय सीरिस को द्वितीय पुरस्कार तथा कपिल आर्ट शाहपुर को तृतीय पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार के रुप में प्रतीक चिन्ह, चांदी का मुकुट प्रशस्ति पत्र व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। प्रथम सत्र का उद्घाटन संस्था के संरक्षक डॉक्टर चंद्रशेखर प्रसाद, डॉ बी के सिंह, श्रीधर सिंह एवं शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य सुमंत कुमार समेत अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम से संबंधित जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष पंकज पटेल ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले 20 सालों से श्री कृष्णा बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन होते आ रहा है। इस बार भी भव्य रूप से श्री कृष्णा बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस बार औरंगाबाद जिले के अलावे पड़ोसी जिला व दूसरे राज्यों के भी बाल कलाकार शामिल हुए।