औरंगाबाद : ‘बनारस वाला इश्क’ फेम बिहार के लेखक प्रभात बांधुल्य ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आ रहे चुनावी मौसम को लेकर नेताओं की कार्यशैली पर व्यंग्य के रूप में करारा प्रहार किया है। बांधुल्य ने व्यंग्य भरी कविता में नेताओं के गठबंधन, झूठे वादों और वोटरों को पैसे देने की परिपाटी पर चोट की है। प्रभात बांधुल्य के व्यंग्य का शीर्षक ‘नेता-जनता गठबंधन’ है। प्रभात बांधुल्य बिहार के चर्चित लेखक हैं। उनकी रचनाएं चर्चा में रहती हैं।
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हाल ही में लेखक की वन साइडेड लवर पिंकी ने उन्हें पाने के लिए खुद को नौकरी देने की मांग करती हुई चिट्ठी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लिखी थी। पिंकी की यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। हालांकि लेखक ने पिंकी के प्रेम निवेदन को यह कहकर अस्वीकार कर दिया था कि वह पहले से ही अफेयर में हैं। और इससे उनकी प्रेमिका नाराज हो जाएंगी। इसके बावजूद लेखक ने पिंकी को नौकरी दिलाने के लिए पहल करने का भरोसा दिला रखा है। लेकिन पिंकी को अभी नौकरी नहीं मिली है।