Parliament House: नए संसद भवन का 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस समेत विपक्ष के 21 राजनीतिक दलों ने पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन को मुद्दा बनाकर कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। हालांकि, इस मुद्दे पर मोदी सरकार को 25 दलों का साथ भी मिला है। इनमें से 7 गैर एनडीए दल हैं। इन 25 दलों ने सरकार के न्यौते को स्वीकार किया है। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें 7 पार्टियां ऐसी हैं जो गैर एनडीए के हैं।
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मोदी सरकार का आमंत्रण को स्वीकार करने वाले जो 25 दल हैं, उनमें 7 गैर एनडीए दल हैं. बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी ने समारोह में शामिल होने की बात कही है. इन 7 पार्टियों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं. इसी मुद्दे को लेकर अब लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक खुला खत लिखा है जो विपक्षी दलों के रुख पर सवाल खड़े करता है।
Parliament House: देखिए क्या हुआ
वहीं, 28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन महान देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मान्यताओं पर हमला है. ऐसी महान संस्था के प्रति विपक्षी दलों द्वारा यह अनादर व अपमान लोकतंत्र की मूल आत्मा और मर्यादा पर कुठाराघात है. अफसोस की बात है कि तिरस्कार और बहिष्कार की यह पहली घटना नहीं है. पिछले 9 सालों में देखें तो इन विपक्षी दलों ने बार-बार संसदीय प्रक्रियाओं-नियमों की अवमानना की है, सत्रों को बाधित किया है. महत्वपूर्ण विधायी कामों के दौरान सदन का बहिष्कार किया है. संसदीय फर्ज की अवहेलना की है।