Anand Mohan: बिहार में आज सुबह आनंद मोहन की जेल से रिहाई हो गई है। भीड़ भाड़ ज्यादा इकट्ठे ना हो इस वजह से आनंद मोहन आज सुबह 5:00 बजे ही जेल से रिहा हो गए। कागजी कार्रवाई बीती रात ही पूरी कर ली गई थी। इसके अलावा अब आनंद मोहन की रिहाई से बीजेपी दो खेमों में बंट गई है। कुछ नेता ने इसे उचित फैसला बताया है तो कोई इसके खिलाफ बोल रहे हैं।
लुटेरी दुल्हन ने इलाके में मचाया कोहराम, शादी के 48 घंटे के अंदर ही 3 लाख के जेवर लेकर हुई फरार
एक रिपोर्ट के अनुसार कई वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के उलट रुख अपनाते हुए फैसले को न सिर्फ उचित ठहराया है, बल्कि आनंद मोहन को पीड़ित, निर्दोष और बेचारा बताते हुए राज्य सरकार से प्रायश्चित करने की भी मांग की है। अलग-अलग रुख से यह संदेश जा रहा है कि पार्टी राज्य में दलित बनाम राजपूत की सियासत में उलझ गई है।
Anand Mohan: जानिए मामला
वहीं, आईएएस जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद की रिहाई पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपनाया था। पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के मुखिया और प्रवक्ता अमित मालवीय ने इसे शर्मनाक बताया था। उन्होंने कहा था कि बड़े शर्म की बात है कि एक दलित आईएएस अधिकारी के हत्यारे की रिहाई के लिए सरकार ने नियमावली में शर्मनाक तरीके से बदलाव किया।
IAS Success Story: गांव की पहली पढ़ी-लिखी लड़की, ससुराल में हुई पिटाई तो बन गई आईएएस अफसर
बता दें, केंद्रीय नेतृत्व के रुख के उलट केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आनंद मोहन को बेचारा बताया। उन्होंने कहा कि बेचारे आनंद मोहन लंबे समय तक जेल में रहे, उन्हें बलि का बकरा बनाया गया था। जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उन्हें जानबूझ कर षड्यंत्र का शिकार बनाया गया था। अब राज्य सरकार को प्रायश्चित करते हुए सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को माफी मांगनी चाहिए।
बिहार: नई मुसीबतों में फंसे तेजस्वी यादव, लालू परिवार की बढ़ेगी मुश्किलें!
आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर आईएएस एसोसिएशन ने बिहार सरकार की निंदा करते हुए कहा कि यह फैसला सही नहीं है। आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट किया कि आनंद मोहन को रिहा किए जाने का फैसला बहुत ही निराश करने वाला है। उन्होंने (आनंद मोहन) जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी। ऐसे में यह दुखद है।