पटना डेस्क: बिहार में इन दिनों आनंद मोहन की जेल से रिहाई चर्चा का कारण बनी हुई है, क्योंकि लोगों को लगता है कि आनंद मोहन की रिहाई के लिए जेल के नियमावली में बदलाव किया गया है। जिसके बाद सेंट्रल आईएस ऑफिसर एसोसिएशन ने लेटर लिखा है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सांसद की जेल से रिहाई के मामले में सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने निराशा जाहिर की है। गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने लेटर में लिखा है कि कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव से गहरी निराशा हुई है। एसोसिएशन ने कहा, हम बिहार से पुरजोर अनुरोध करते हैं सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
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वहीं, बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह सहित 27 दोषियों की रिहाई की अनुमति देने वाले जेल नियमों में संशोधन किया है। इस फैसले के बाद आनंद मोहन जेल से रिहा किए जाएंगे। डिप्टी सीएम तेजस्वी ने आनंद मोहन की रिहाई के मामले में कहा, इसमें विवाद क्या है? उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और कानूनी रूप से रिहा हो रहे हैं। दिवंगत जिलाधिकारी की पत्नी उमा देवी ने कहा, आनंद मोहन की रिहाई राजपूत वोटर का समर्थ पाने के लिए हो रही है।
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बता दें, आनंद मोहन सिंह नीतीश कुमार के साथ समता पार्टी के सह-संस्थापकों में से एक थे। गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह सहित 27 दोषियों की रिहाई के फैसले पर बिहार सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।