पटना डेस्क: आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मायावती ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद आनंद मोहन ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जेल में रहने के दौरान वे सबकुछ भुला चुके हैं और वे किसी मायावती को नहीं जानते हैं। हम लोगों को बेटी और दामाद की सगाई से ही शुभ संकेत मिलने शुरू हो गए थे और बेटा-बहू की सगाई होते-होते रिहाई हो गई। लाखों समर्थ वर्षों से संघर्ष करते रहे उन्हें रिहाई का सारा क्रेडिट जाता है।
वहीं, लवली आनंद और बेटे कार्यकर्ताओं को सजग करते रहे और कार्यकर्ताओं को समेट कर रखने का काम किया। समर्थकों और अपने चाहने वाले लोगों के कारण आज भी सबकी जेहन में बने हुए हैं। रिहाई को लेकर यूपी की पूर्व सीएम मायावती की आपत्ति पर आनंद मोहन ने चैलेंज किया कि कोई भी एक ऐसी घटना ढूंढकर सामने ला दे, जिसमें आनंद मोहन ने कोई दलित विरोधी कदम उठाया हो। उन्होंने कहा कि हममें मजदूरों की लड़ाई से अपना संघर्ष शुरू किया।
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हालांकि, मायावती कौन हैं, कहां की हैं और कैसी हैं उनके बारे में नहीं जानता हूं। जेल में रहने के दौरान सबकुछ भुला चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई उसमें दोनों ही परिवारों को परेशानी झेलनी पड़ी है। पूरे मामले में सिर्फ और सिर्फ लवली आनंद और जी. कृष्णैया की पत्नी ने परेशानी झेली, बाकी लोगों ने झाल बजाने का काम किया। राजनीतिक घटनाक्रमों के मुताबिक लोग अपनी अपनी परिभाषा गढ़ते रहे। उन्होंने कहा कि बर भौंकने वाले को जवाब देना आनंद मोहन की फितरत में नहीं है।