Bihar: सीएम नीतीश कुमार ने जब से राजद के साथ हाथ मिलाया हैं, तब से वह कोशिश कर रहे कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वह विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ एकजुट कर सकें। इसके लिए वह कई प्रयास भी कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने लगातार दिल्ली से लेकर कोलकाता तक का दौरा किया था और तमाम विपक्षी पार्टियों के अध्यक्ष से मुलाकात की थी।
हालांकि अब सीएम नीतीश कुमार मुश्किलों में फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कुछ ऐसा ही बयान दे दिया है। एनसीपी प्रमुख ने उद्योगपति गौतम अदानी के मुद्दे को लेकर विपक्ष की JPC मांग को बेकार बता दिया। शरद पवार ने कहा कि JPC में सत्तारूढ़ पार्टी का बहुमत होता है उससे सच्चाई सामने नहीं आ पाती है इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ही सही विकल्प है।
गोरी मैम को भाया देशी छोरा, ऑस्ट्रिया की बिरगिट ने भारत आकर प्रेमी संग रचाई शादी!
वहीं, शरद पवार के इसी बयान को जहां विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सेटबैक माना जा रहा है। बिहार में महागठबंधन के नेता लगातार इस कोशिश में लगे हुए थे कि JPC के मुद्दे पर तमाम विरोधी दल एकजुट हो सके, ताकि 2024 में गैर बीजेपी दलों का एक बड़ा मोर्चा बने। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस कोशिश में लगे हुए भी थे। इस बात की सुगबुगाहट तब और तेज हो गई थी, जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश कुमार से फोन पर बात कर इसका प्रयास शुरू कर दिया था।
Dream 11 Jackpot: IPL ने किया मालामाल! बिहार का ऑटो ड्राइवर रातों रात बना करोड़पति!
इसी के साथ अब शरद पवार के इस बयान से सीएम नीतीश कुमार का जो मुद्दा है, वह उलझता हुआ दिखाई दे रहा है। जबकि सीएम नीतीश चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में वह पूरे विपक्ष को एकजुट करें और बीजेपी को हार का सामना करवाएं। शरद पवार के बयान पर कांग्रेस, राजद और बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है। जदयू प्रवक्ता कहते हैं कि शरद पवार बड़े नेता हैं। वे क्या बोल रहे हैं ये तो वही बता सकते हैं, लेकिन देश की 14 बड़ी पार्टियों ने इस मामले पर एक रुख दिखाया है, जो भी सच्चाई सामने आएगी वो जेपीसी की जांच से ही आएगी।