पटना डेस्क: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है और वह हर एक राज्य के लिए अलग रणनीति बनाने का काम कर रही है। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 400 का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से पार्टी समाज के उन धड़ों को भी जोड़ने की कोशिशों में जुटी है, जो विपक्षी दलों के परंपरागत वोट बैंक रहे हैं। इसी कड़ी में बीजेपी ने अपनी नजरें अब पसमांदा मुस्लिमों पर गड़ाई हैं।
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एक रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने ऐसे 60 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की है, जहां 30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। इन सीटों पर बीजेपी ने पसमांदा मुस्लिमों यानी दलित-पिछड़े मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए स्कूटर यात्रा से लेकर स्नेह सम्मेलन और व्यक्तिगत अगला मुलाकात की बैठकें आयोजित करने योजना बनाई है।
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वहीं, पीएम मोदी को भी इन सीटों पर उतारने की योजना है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष और पार्टी के पसमांदा चेहरों में से एक जमाल सिद्दीकी ने कहा, “हम पर शासन करने वाली सरकारों ने हमें पसमांदा बना दिया है। पहले अशरफ वाले हमारे समाज से लाभ उठाते थे। हमारी कोई भागीदारी नहीं थी लेकिन अब, हम पर फोकस दिया जा रहा है।”
हम आपको बता दें, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पसमांदा मुस्लिमों को साथ लेकर लंबे समय तक चुनाव जीतते रहे हैं। बिहार विधानसभा के 2005, 2010 के चुनावों में पसमांदा समाज ने उन्हें बड़ी जीत दिलाने में बड़ी मदद की थी।